दुर्गा पूजा मन्डपों में माँ के जीते जागते अलग अलग रूप भक्तो भाव विभोर करते ।


सम्वाददाता ( आलिया  )
महासप्तमी की पूजा के बाद पूरा शहर दुर्गा पूजा के रंग में रंग गया है। पंडालो में माँ की आराधना का  दौर जारी है।पंडाल में सैकड़ो माँ दुर्गा के भक्तों ने दर्शन कर प्रसाद 
ग्रहण किया। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमो से सजे पंडाल में सुरमई ग़ज़ल- गीतों की धुने सुनाई दी तो कहीं पर बंगाली गीतों से माँ को मनाया गया।

महासप्तमी की पूजा की शुरुआत सुबह माँ दुर्गा की आरती वा भोग लगाकर होती है।इसके बाद पूरे विधि विधान के साथ कला बहु को भगवान गणेश के साथ स्थापित किया जाता है। पूजा पंडित मंत्रोउचारण के साथ पूरी करवाते है। नवरात्र के सातवें दिन भक्तो ने महिषासुरमर्दिनि के स्वरूप में माँ कालरात्रि के दर्शन किए। माता के काले बाल बिखरे बिखरे हुए केश तीन नेत्र हाथ मे त्रिशूल,तलवार,खप्पर, कटार, नारियल की मुंडमाला के रूप में दर्शन दे रही हैं।










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